सीईटी मुख्य परीक्षा में नया फॉर्मूला : यदि आप सरकारी नौकरी की तैयारी करते हो तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की साबित हो सकती है सरकार ने वर्तमान समय में सीईटी मुख्य परीक्षा को लेकर नए फार्मूला निकाला है इस फार्मूले को आपने अखबार में अवश्य देख लिया होगा लेकिन अभी तक आपको यह फार्मूला अच्छे तरीके से समझ में नहीं आया होगा जैसे ही यदि आपको यह फार्मूला समझ में आ जाता है तो आप इसके विरोध में उतर जाओगे जिन जिन लोगों को यह फार्मूला समझ में आया है वह इसके विरोध में खड़े हो गए हैं जैसे की मुख्य खबर यह है जो आपने सुनी होगी कि सरकार ने मुख्य परीक्षा में मात्र आवेदन करने वाले टॉप के 15 गुना छात्रों को ही आगे की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा जो बाकी के छात्र बचे हैं उन्हें से दोबारा से सीटीईटी की परीक्षा देनी होगी पहले यह नियम 40% छात्र का था अब आपको कन्फ्यूजन हो रहा होगा कि आखिरकार इस नियम को लाने की वजह से छात्रों का भविष्य में कौन सी दो विधाओं का सामना करना पड़ेगा तो आइए जानते हैं सीईटी परीक्षा के 15 गुना छात्र के चयन के नियम को ।
सीईटी मुख्य परीक्षा में 15 गुना छात्र का नियम का मतलब
- हाल ही में सरकार ने बहुत बड़ी घोषणा कर दी है सरकार ने घोषणा करी है कि सीईटी परीक्षा के लिए जितने भी छात्र आवेदन करेंगे उन छात्रों में से जो छात्र पास हो जाएंगे उनमें से मात्र 15 गुना छात्र का ही चयन किया जाएगा सीईटी की मुख्य परीक्षा के लिए आइए इस बात को उदाहरण लेकर समझते हैं । सीईटी के तहत कोई वैकेंसी निकली है उस वैकेंसी में मात्र 5 सीटे निकाली गई है लेकिन सबसे पहले छात्र को सीईटी की परीक्षा पास करनी होगी फिर बाद में उस छात्र को इन 5 सीटों के लिए अलग से परीक्षा पास करनी होगी तो हम मान कर चलते हैं इन 5 सीटों के लिए 1000 छात्र सीईटी की प्रथम परीक्षा देंगे 1000 छात्र ने सीईटी की प्रथम परीक्षा देने और इन्होंने पास भी कर लिया लेकिन अब यही नियम आता है
- की मात्र 15 गुना छात्र का ही चयन किया जाएगा अगली परीक्षा के लिए तो 5 सीटों का 15 गुना हो में 75 सीटें यानी कि 1000 में से परीक्षा पास किए गए छात्रों में से मात्र 75 जनों को मुख्य परीक्षा की तैयारी करने दिया जाएगा और जो बाकी के भी विद्यार्थी बचे हैं उन्हें वापस से सीईटी की परीक्षा की तैयारी करनी होगी । अब यह आपने नियम समझ लिया है जो सरकार ने वर्तमान समय में निकाला है अब आइए जरा पुराने वाले नियम का उदाहरण के नजरिए से सोचते हैं ।
- यही बात करे तो सरकार ने एक और बात कही है की हर एक कैटगरी मैं सरकार उसके 15 गुना छात्र को पूरा करने के लिए दूसरी कैटेगरी के छात्रों को भी शामिल कर सकती है ।
क्या है सीईटी की परीक्षा का 40 गुना वाला नियम
- अब वही उदाहरण दोबारा लेते हैं जो आपको ऊपर दिया था वही मानकर चलते हैं कि हम 5 सीटें हैं और इसके लिए 1000 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है तो अब जब यह 1000 विद्यार्थी परीक्षा देंगे तो इसमें से जो विद्यार्थी पास होंगे उनमें से 400 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा और वह 400 विद्यार्थी आगे इन 5 सीटों के लिए परीक्षा देंगे आप दोनों उदाहरण से आपको अंतर साफ समझ में आ गया होगा पुराने नियम के मुताबिक 400 विद्यार्थियों को मौका मिलेगा सीईटी की मुख्य परीक्षा देने का लेकिन वही नया नियम के मुताबिक मात्र 75 विद्यार्थी ही परीक्षा दे पाएंगे तो अब जो बाकी के 325 विद्यार्थी बचेंगे इन्हें वापस से तैयारी करनी होगी
- और वापस एसीएटी की परीक्षा देनी होगी तो जैसे ही यह अगले वर्ष परीक्षा देंगे तो इनका चयन हो जाएगा क्योंकि इनके पहले भी अच्छे नंबर आए थे लेकिन परेशानी उन छात्रों को होगी जिनके कम नंबर आए थे ऐसे में उन छात्रों का तो बिल्कुल मौका ही नहीं आ पाएगा इस हिसाब से देखा जाए तो एक छात्र करीब 10 साल तक परीक्षा की तैयारी करता ही रहेगा
- तब जाकर उसका मुख्य परीक्षा में नंबर आने वाला है क्योंकि उससे पहले का जो विद्यार्थी है जिसके ज्यादा नंबर आए हैं तो जाहिर सी बात है अगर वह वापस से उस परीक्षा की तैयारी करेगा तो उसके पहले से ज्यादा अंक आने की संभावना रहेगी ऐसे में जिन छात्रों के थोड़े कम नंबर आएंगे उनके भविष्य में 10 साल पीछे पहुंच जाएंगे ।
इस लेख को को यहां तक पढ़ लेने के बाद में आपको समझ में आ गया होगा कि आखिरकार जो सरकार के द्वारा सीईटी का नया नियम लागू किया है उससे क्या असर पड़ने वाला है छात्रो के भविष्य पर।
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