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Rajasthan NTT Teacher Syllabus 2023 Download
Name of Selection Board | Rajasthan Staff Selection Board, Jaipur |
Posts Name | Nursery Teacher (Primary Teacher) |
Official Website | rsmssb.rajasthan.gov.in |
Category | Latest Syllabus |
Exam Date | Coming soon |
RSMSSB Nursery Teacher Training( NTT) Exam Pattern
क्रम संख्या | विषय सूची | प्रश्न अंक | समय |
1 | बाल विकास 0 से 6 वर्ष तक | 15 | 3 घंटे |
2 | शारीरिक गत्यात्मक विकास | 10 | |
3 | सामाजिक एवं भावनात्मक विकास | 10 | |
4 | भाषायी विकास | 10 | |
5 | संज्ञानात्मक विकास | 15 | |
6 | सृजनात्मक विकास | 10 | |
7 | विशिष्ठ बच्चों , मानसिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता | 05 | |
8 | सीखना उत्प्रेरण , रूचि , आदतें एवं व्यवहार | 10 | |
9 | सीखने , सीखाने की प्रक्रिया एवं विधियां | 10 | |
10 | बच्चों की योग्यता का मूल्यांकन | 05 |
Rajasthan NTT Teacher Selection Process 2023
- Written Examination
- Document Verification
- Final Merit
RSMSSB NTT Teacher Syllabus 2023 Topic Wise
बाल विकास 0 से 6 वर्ष तक
• बाल विकास की परिभाषा , अर्थ , उद्देश्य , क्षेत्र एवं बाल्यावस्था की विशेषताएँ ।
• बाल विकास में पोषण की भूमिका
• बच्चे की वृद्धि एवं विकास- अन्तर सिद्धान्त , परिपक्वता एवं वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक – पर्यावरण व वंशानुगत
• जनसंचार माध्यमों का बच्चों के विकास पर प्रभाव ।
• गर्भावस्था की अवस्थाएं व उनको प्रभावित करने वाले तत्व
• बाल विकास- जन्म से 8 वर्ष तक की आयु तक बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएँ एवं प्रत्येक अवस्था के विकासात्मक कार्य
• विकास की गति- शैशवावस्था के प्रत्येक चरण पर बच्चों की आवश्यकताएं तथा उनका सीखने पर प्रभाव ।
• प्रारम्भिक उद्दीपन के प्रकार , महत्व एवं विकास पर प्रभाव
• शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्यः अर्थ एवं महत्व
शारीरिक गत्यात्मक विकास
• शरीर के विभिन्न अंगों का विकास ऊंचाई तथा भार ।
• शारीरिक विकास के चरण तथा लैंगिक असमानता ।
• बच्चे की व्यक्तिगत स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर ध्यान विशेषतः त्वचा , नेत्र , कान , नाक , हाथ , गला , नाखून आदि
• बच्चों में स्वस्थ आदतों एवं नियमितता का विकास ।
• नियमित आदतों के निर्माण में समय पालन का महत्व – कुल्ला करना , मंजन करना , स्नान , खान – पान , मनोरंजन , शयन आदि ।
• गत्यात्मक कौशलों का विकास सूक्ष्म एवं स्थूल कौशल तथा 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्रेरक कौशलो के विकास हेतु क्रियाएँ
• खेलों का महत्व एवं प्रकार
• हस्त कौशल विकास- अर्थ एवं महत्व
• आंगनबाड़ी के कक्षा कक्ष की स्वच्छता , शुद्ध पेयजल की उपलब्धता , जल का संग्रहण तथा शुद्ध करने के तरीके3. सामाजिक एवं
भावनात्मक विकास
• सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्व , शिक्षा तथा समाज
• समाज एवं समुदाय के प्रति शिक्षक की समझ एवं आवश्यकता ।
• सामाजिक विकास के चरण , शैशवास्था में 6 वर्ष तक के आयुवर्ग में सामाजिक व्यवहार के रूप
• बच्चो का सामाजिक एवं भावनात्मक विकास में माता पिता की भूमिका व महत्व
• बच्चों की घर , परिवार वातावरण , समाज तथा आंगनबाड़ी केन्द्र में समायोजन असमायोजित बच्चों का वैयक्तिक अध्ययन एवं बच्चों में स्वभावना , सामाजिक तथा समाज विरोधी व्यवहार तथा इनके निवारण के उपाय ।
• आंगनबाड़ी केन्द्र में परिवार एवं समाज से सम्पर्क व सहभागिता के तरीके
• समुदाय में गतिशील नेतृत्व करने की क्षमता वाले व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त करना
• सामुदायिक संसाधन एवं क्षेत्रीय भ्रमण स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र , पोस्ट ऑफिस , पंचायत घर आंगनबाड़ी केन्द्र आदि के बारे में जानकारी तथा इनके कार्यों का परिचय |
• सामाजिक व्यवहार एवं शिष्टाचार अभिवादन करना , धन्यवाद देना , क्षमा याचना , मधुर भाषण , अतिथि सत्कार , दूसरों के काम में बिना बाधा पहुंचाये धीरे – धीरे बोलना द्वार पर स्वागत करना आसन देना , विदा मांगना , निमंत्रण देना आवश्यकता होने पर सहायता देना ,
• सामाजिक विकास हेतु गतिविधियाँ : – त्योहार , जन्मदिन मनाना , भ्रमण , राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक पर्व आदि
• बच्चों के भाव पक्ष की विशिष्ठताः- स्नेह , प्रेम , श्रम , क्रोध , ईर्ष्या आदि बालपन की प्रमुख भावनाएं ।
• बच्चों के संवेगों की विशेषताएं एवं नियंत्रण तथा निवारण
• बच्चों में समस्यात्मक व्यवहार एवं उनका निवारण जैसे – कोध , अंगूठा चूसना , नाखून कुतरना , आकामक रूख अपनाना झगड़ना , शर्मीलापन , स्वार्थ भावना पलायन , बिस्तर गीला कर देना आदि
भाषायी विकास
• जीवन के प्रथम 6 वर्षों में भाषा के विकास की अवस्थाएँ ।
• जीवन के प्रथम 6 वर्षों में भाषा विकास का बच्चे के बौद्धिक , सामाजिक , सांस्कृतिक चेतना प्रत्यय , तर्कशक्ति एवं व्यक्तित्व के विकास पर प्रभाव
• जीवन के प्रथम 6 वर्षों में भाषा विकास हेतु आवश्यक सहायक सामग्री एवं वातावरण
• विभिन्न वाणी दोष कारण , प्रकार , प्रभाव एवं निवारण
• बच्चे के जीवन में पढ़ने एवं लिखने का महत्व एवं तैयारी
• भाषायी कौशल की गतिविधियों : शब्द भंडार में वृद्धि , वार्तालाप प्रश्नोत्तर , लघु कथाएं , कविताएं लिखने की तैयारी मौखिक आदान प्रदान की भाषा वार्तालाप प्रश्नोत्तर वातावरण एवं वैज्ञानिक नामकरण , चित्र पठन , स्वतन्त्र पठन , अर्थज्ञान परक पठन , कटे हुए अक्षर एवं आकृतियों द्वारा लिखने की तैयारी ।
5. संज्ञानात्मक विकास
• बच्चों के जीवन में ज्ञानेन्द्रियों का महत्व , प्रशिक्षण एवं पांचों ज्ञानेन्द्रियों से सम्बन्धित न्यूनतम सीखने की दक्षताएं ।
• मस्तिक का विकास व ज्ञानेन्द्रियां
• शैशवावस्था में ज्ञानेन्द्रियों की विशिष्ट सक्रियता ।
• पर्यावरण एवं ज्ञानेन्द्रियों का सहसंबंध
• बुद्धि के लिए कार्य क्षेत्र प्रदान करना ।
• संज्ञानात्मक विकास में मानसिक प्रक्रियाएँ एवं कौशल :-
-अवलोकन एवं स्मरण ।
– वर्गीकरण |
– कमबद्ध चिन्तन ।
-समस्या समाधान |
-पहचान ।
• मानसिक कौशलों से संबंधित न्यूनतम दक्षताएं ।
• एक से एक मिलाना ।
• विभिन्न प्रत्ययों के लिए गतिविधियाँ एवं सहायक सामग्री रंग , आकार , संख्या , आकृति भार , माप ,अंकपूर्व ज्ञान , समय आदि ।
6. सृजनात्मक विकास
• सृजनात्मक विकास अर्थ , माध्यम तथा महत्व
• कल्पना एवं सृजनात्मकता / बुद्धि एवं सृजनात्मकता
• सृजनात्मकता विकास को प्रभावित करने वाले कारक
• सृजनात्मक गतिविधियों : विभिन्न कार्डों , बालोपयोगी सामग्री का निर्माण , चित्र बनाना , पेन्सिल से स्वतंत्र रूप से चित्रांकन , सूखे तथा पानी के रंगों का प्रयोग श्याम पट्ट पर चित्रांकन , कागज काटना , कार्ड बोर्ड से बने मॉडल को मोडना और चिपकाना , खिलौने बनाना मिट्टी के खिलौने बनाना , लकड़ी के टुकडों से घर तथा अन्य आकृति बनाना एवं आंगनबाड़ी परिसर की स्वच्छता रख रखाव , सौन्दर्यीकरण ,
7. विशिष्ठ बच्चों , मानसिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
• विशेष बच्चों का अर्थ , प्रकार , पहचान , शिक्षा तथा उनकी समस्याएं एवं निवारण
• संवेगात्मक रूप से असंतुलित भयग्रस्त , ईष्यालु , झगडालु , चिंतायुक्त कोधी एवं निराश बच्चों की पहचान व उनका निदान ।
• अनसिक स्वास्थ्य- अर्थ एवं महत्व
• स्वच्छता- अर्थ एवं महत्व
8. सीखना उत्प्रेरण , रूचि , आदतें एवं व्यवहार
• अधिगम अर्थ , प्रभावित करने वाले घटक
• अधिगम सिद्धान्त एवं परिपक्वता प्रयास व त्रुटि का सिद्धान्त सक्रिय अधिगम अनुकरण अधिगम का सिद्धान्त पुनर्बलन का सिद्धान्त , अधिगम का स्थानान्तरण अधिगम को उन्नत करने के तरीके आदि
• उत्प्रेरणा का अर्थ , महत्व , प्रभावित करने वाले तत्व , उत्प्रेरित करने के विविध उपाय
• अभिरूचि , आदतें एवं भावना- अर्थ , महत्व , विकसित करने के उपाय ।
9. सीखने , सीखाने की प्रक्रिया एवं विधियां
• बच्चे के जीवन में पढ़ने एवं लिखने का महत्व एवं तैयारी
• बच्चे के अध्ययन की सामान्य विधियां तथा तकनीकें अभिनय , गीत , प्रार्थनाएं , देशभक्तिपूर्ण गीत , ताल , लय , कविताएं
• सक्रिय अधिगम , प्रदर्शन , कहानी कहना व कहानी पूरी करना ।
• साथियों से सीखना ।
• मौखिक आमंत्रण
• संकेतों से सीखना
• पर्यावरणीय पहेलियाँ आदि
10. बच्चों की योग्यता का मूल्यांकन
• अर्थ एवं महत्व एवं प्रकार
• बच्चों की शारीरिक , सामाजिक , भावनात्मक संज्ञानात्मक , भाषाई विकास हेतु मूल्यांकन की विधाएं ।
• बच्चों के परीक्षण के मानदण्ड यथा अवलोकन सूची प्रोजेक्टिव तकनीक या विभिन्न परीक्षण आदि ।
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RSMSSB NTT Teacher पेपर कितने अंको का होता है?
उत्तर: 100
RSMSSB NTT Teacher पेपर में कितने प्रश्न आते है?
उत्तर: इस नोटिफिकेशन में आप देख सकते हो।
RSMSSB NTT Teacherपेपर में कितना समय मिलता है?
उत्तर: 3 घंटे
RSMSSB NTT Teacher Syllabus in hindi. ?
उत्तर: इस नोटिफिकेशन में आप देख सकते हो।