रजिस्ट्रार विश्वविद्यालय का सर्वोच्च प्रमुख होता है और इसके लिए सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।
सहायक रजिस्ट्रार रजिस्ट्रार के ठीक बाद आता है, जहां उसके पास संस्थानों के व्यवस्थापक, लेखा, लेखा परीक्षा आदि जैसे गैर-शैक्षणिक विभागों की जिम्मेदारी होती है।
असिस्टेंट रजिस्ट्रार (नॉन टीचिंग) बनने के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 साल से 35 साल के बीच होना जरूरी है।
उन्हें दबाव में भी अच्छा काम करने में सक्षम होना चाहिए और अंतिम क्षणों में होने वाले परिवर्तनों को संभालने में सक्षम होना चाहिए।
सहायक रजिस्ट्रार को किसी भी केंद्र और राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों और स्वायत्त कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों आदि में काम पर रखा जाता है।